भारत 2017 से पहले मानव अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण नहीं करेगा और ऐसी उम्मीद है कि इस महत्वकांक्षी परियोजना के लिए वह अगली पीढी के रॉकेट का इस्तेमाल करे । इसरो अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने आज बताया कि मिशन की लागत पर दोबारा काम किया जाएगा ।
अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष राधाकृष्णन ने पुष्टि की कि यह मिशन 12वीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा नहीं है ।
हालांकि उन्होंने कहा कि परियोजना पूर्व अध्ययनों और प्रस्तावित मिशन से जुड़ी अहम तकनीकों को विकास के लिए कोष जारी रहेंगे ।
इसरो अधिकारियों ने बताया कि भारतीय क्रायोजनिक इंजिन और आयातित रूसी इंजिन वाले दो मिशनों के असफल होने के बाद अंतरिक्ष एजेंसी के पास फिल्हाल ऑपरेशनल जीएसएलवी नहीं है ।
राधाकृष्णन ने कहा कि स्वदेशी क्रायोजनिक इंजिन वाले जीएसएलवी का अगले साल जनवरी फरवरी में परीक्षण होगा ।
 
                   
                   
                   
                   
                  